रादौर। यह खबर आस-पास के इलाके में आग की तरह फैल गई कि यमुना नदी में शराब की बोतलें बहकर आ रही हैं। बस फिर क्या था, थोड़ी ही देर में यमुना नदी के पास लोगों का हुजूम इकट्ठा हो गया। लोग यमुना में उतर कर शराब की बोतलें पकड़ने लगे।
Haryana: Bottles of liquor flowing in Yamuna, people collected bottles
Radaur. The news spread like fire in the surrounding area that liquor bottles were flowing into the Yamuna river. What was it then, soon, people gathered near the river Yamuna. People descended into Yamuna and started holding bottles of liquor.
यहां रविवार की शाम को कुछ लोगों ने देखा कि उफन कर बह रही यमुना नदी में शराब की बोतलें बह रही हैं।
कुछ बोतलें यहां की पश्चिमी नहर के किनारे पर भी आ लगीं।
यह बात थोड़ी ही देर में इलाके में फैल गई।
शराब के शौकीन यमुना के गहरे जल में भी उतरने से नहीं हिचके।
लोगों ने बीच धारा में जाकर भी बोतलें इकट्ठी कर लीं।
ये बोतलें देसी शराब की थीं।
कुछ वहीं खोलकर पैग लगाने लगे, तो कुछ बटोरकर चलते बने।
संदेह है कि शराब की बोतलें किसी शराब के अवैध कारोबारी की हैं।
तस्करों को कुछ ऐसी आशंका हुई होगी कि उन पर छापा पड़ सकता है और शराब पकड़ी जा सकती है।
इसलिए उन्होंने शराब की बोतलों और उसकी पैकेजिंग को नदी में बहा दिया।
नहर के पक्का घाट नागेश्वर धाम के महंत स्वामी महेशाश्रम ने शराब की बोतलें नहर में बहने की पुष्टि करते हुए कहा कि लोग समझाने के बावजूद नहीं माने।
उन्होंने कहा कि शराब की ये बोतलें भरोसेमंद नहीं हैं। इनका पीना खतरनाक हो सकता है। इसलिए लोगों का इस शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
हाल ही में पंजाब में शराब पीने से 100 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, लेकिन लोग फिर भी जान पर खेलकर अपना शौक पूरा कर रहे हैं।
नहर में बहती बोतलों को कईयों ने तो घाट पर ही खाली कर दिया।